Nama Ramayanam is the condensed version of The Epic – Ramayana written by Sage Valmiki in Sanskrit. Nama Ramayanam consists of 108 Shlokas and similar to complete Ramayana, Nama Ramayanam has seven chapters which are divided into:
- Balakandah,
- Ayodhyakandah,
- Aranyakandah,
- Kishkindhakandah,
- Sunderakandah,
- Yuddhakandah and
The unabridged Ramayana comprises of 24,000 verses, divided into seven books and 500 cantos. The conjunction of Rama and Ayana makes the word Ramayana which means – The Journey of Lord Rama. Lord Rama is considered the 7th incarnation of Lord Vishnu.
॥नामरामायणम्॥ ॥Namaramayanam॥
॥बालकाण्डः॥ | ॥Balakandah॥ |
शुद्धब्रह्मपरात्पर राम्॥१॥ | Shuddhabrahmaparatpara Ram॥1॥ |
कालात्मकपरमेश्वर राम्॥२॥ | Kalatmakaparameshwara Ram॥2॥ |
शेषतल्पसुखनिद्रित राम्॥३॥ | Sheshatalpasukhanidrita Ram॥3॥ |
ब्रह्माद्यामरप्रार्थित राम्॥४॥ | Brahmadyamaraprarthita Ram॥4॥ |
चण्डकिरणकुलमण्डन राम्॥५॥ | Chandakiranakulamandana Ram॥5॥ |
श्रीमद्दशरथनन्दन राम्॥६॥ | Shrimaddasharathanandana Ram॥6॥ |
कौसल्यासुखवर्धन राम्॥७॥ | Kausalyasukhavardhana Ram॥7॥ |
विश्वामित्रप्रियधन राम्॥८॥ | Vishwamitrapriyadhana Ram॥8॥ |
घोरताटकाघातक राम्॥९॥ | Ghoratatakaghataka Ram॥9॥ |
मारीचादिनिपातक राम्॥१०॥ | Marichadinipataka Ram॥10॥ |
कौशिकमखसंरक्षक राम्॥११॥ | Kaushikamakhasamrakshaka Ram॥11॥ |
श्रीमदहल्योद्धारक राम्॥१२॥ | Shrimadahalyoddharaka Ram॥12॥ |
गौतममुनिसम्पूजित राम्॥१३॥ | Gautamamunisampujita Ram॥13॥ |
सुरमुनिवरगणसंस्तुत राम्॥१४॥ | Suramuniwaraganasamstuta Ram॥14॥ |
नाविकधावितमृदुपद राम्॥१५॥ | Navikadhavitamridupada Ram॥15॥ |
मिथिलापुरजनमोहक राम्॥१६॥ | Mithilapurajanamohaka Ram॥16॥ |
विदेहमानसरञ्जक राम्॥१७॥ | Videhamanasaranjaka Ram॥17॥ |
त्र्यम्बककार्मुकभञ्जक राम्॥१८॥ | Tryambakakarmukabhanjaka Ram॥18॥ |
सीतार्पितवरमालिक राम्॥१९॥ | Sitarpitawaramalika Ram॥19॥ |
कृतवैवाहिककौतुक राम्॥२०॥ | Kritavaivahikakautuka Ram॥20॥ |
भार्गवदर्पविनाशक राम्॥२१॥ | Bhargavadarpavinashaka Ram॥21॥ |
श्रीमदयोध्यापालक राम्॥२२॥ | Shrimadayodhyapalaka Ram॥22॥ |
राम् राम् जय राजा राम्। | Ram Ram Jaya Raja Ram। |
राम् राम् जय सीता राम्॥ | Ram Ram Jaya Sita Ram॥ |
॥अयोध्याकाण्डः॥ | ॥Ayodhyakandah॥ |
अगणितगुणगणभूषित राम्॥२३॥ | Aganitagunaganabhushita Ram॥23॥ |
अवनीतनयाकामित राम्॥२४॥ | Avanitanayakamita Ram॥24॥ |
राकाचन्द्रसमानन राम्॥२५॥ | Rakachandrasamanana Ram॥25॥ |
पितृवाक्याश्रितकानन राम्॥२६॥ | Pitrivakyashritakanana Ram॥26॥ |
प्रियगुहविनिवेदितपद राम्॥२७॥ | Priyaguhaviniveditapada Ram॥27॥ |
तत्क्षालितनिजमृदुपद राम्॥२८॥ | Tatkshalitanijamridupada Ram॥28॥ |
भरद्वाजमुखानन्दक राम्॥२९॥ | Bharadwajamukhanandaka Ram॥29॥ |
चित्रकूटाद्रिनिकेतन राम्॥३०॥ | Chitrakutadriniketana Ram॥30॥ |
दशरथसन्ततचिन्तित राम्॥३१॥ | Dasharathasantatachintita Ram॥31॥ |
कैकेयीतनयार्थित राम्॥३२॥ | Kaikeyitanayarthita Ram॥32॥ |
विरचितनिजपितृकर्मक राम्॥३३॥ | Virachitanijapitrikarmaka Ram॥33॥ |
भरतार्पितनिजपादुक राम्॥३४॥ | Bharatarpitanijapaduka Ram॥34॥ |
राम् राम् जय राजा राम्। | Ram Ram Jaya Raja Ram। |
राम् राम् जय सीता राम्॥ | Ram Ram Jaya Sita Ram॥ |
॥अरण्यकाण्डः॥ | ॥Aranyakandah॥ |
दण्डकवनजनपावन राम्॥३५॥ | Dandakavanajanapavana Ram॥35॥ |
दुष्टविराधविनाशन राम्॥३६॥ | Dushtaviradhavinashana Ram॥36॥ |
शरभङ्गसुतीक्ष्णार्चित राम्॥३७॥ | Sharabhangasutikshnarchita Ram॥37॥ |
अगस्त्यानुग्रहवर्धित राम्॥३८॥ | Agastyanugrahavardhita Ram॥38॥ |
गृध्राधिपसंसेवित राम्॥३९॥ | Gridhradhipasamsevita Ram॥39॥ |
पञ्चवटीतटसुस्थित राम्॥४०॥ | Panchawatitatasusthita Ram॥40॥ |
शूर्पणखार्तिविधायक राम्॥४१॥ | Shurpanakhartividhayaka Ram॥41॥ |
खरदूषणमुखसूदक राम्॥४२॥ | Kharadushanamukhasudaka Ram॥42॥ |
सीताप्रियहरिणानुग राम्॥४३॥ | Sitapriyaharinanuga Ram॥43॥ |
मारीचार्तिकृदाशुग राम्॥४४॥ | Marichartikridashuga Ram॥44॥ |
विनष्टसीतान्वेषक राम्॥४५॥ | Vinashtasitanveshaka Ram॥45॥ |
गृध्राधिपगतिदायक राम्॥४६॥ | Gridhradhipagatidayaka Ram॥46॥ |
शबरीदत्तफलाशन राम्॥४७॥ | Shabaridattaphalashana Ram॥47॥ |
कबन्धबाहुच्छेदक राम्॥४८॥ | Kabandhabahuchchhedaka Ram॥48॥ |
राम् राम् जय राजा राम्। | Ram Ram Jaya Raja Ram। |
राम् राम् जय सीता राम्॥ | Ram Ram Jaya Sita Ram॥ |
॥किष्किन्धाकाण्डः॥ | ॥Kishkindhakandah॥ |
हनुमत्सेवितनिजपद राम्॥४९॥ | Hanumatsewitanijapada Ram॥49॥ |
नतसुग्रीवाभीष्टद राम्॥५०॥ | Natasugrivabhishtada Ram॥50॥ |
गर्वितवालिसंहारक राम्॥५१॥ | Garvitawalisamharaka Ram॥51॥ |
वानरदूतप्रेषक राम्॥५२॥ | Vanaradutapreshaka Ram॥52॥ |
हितकरलक्ष्मणसंयुत राम्॥५३॥ | Hitakaralakshmanasamyuta Ram॥53॥ |
राम् राम् जय राजा राम्। | Ram Ram Jaya Raja Ram। |
राम् राम् जय सीता राम्॥ | Ram Ram Jaya Sita Ram॥ |
॥सुन्दरकाण्डः॥ | ॥Sunderkandah॥ |
कपिवरसन्ततसंस्मृत राम्॥५४॥ | Kapiwarasantatasamsmrita Ram॥54॥ |
तद्गतिविघ्नध्वंसक राम्॥५५॥ | Tadgativighnadhvamsaka Ram॥55॥ |
सीताप्राणाधारक राम्॥५६॥ | Sitapranadharaka Ram॥56॥ |
दुष्टदशाननदूषित राम्॥५७॥ | Dushtadashananadushita Ram॥57॥ |
शिष्टहनूमद्भूषित राम्॥५८॥ | Shishtahanumadbhushita Ram॥58॥ |
सीतावेदितकाकावन राम्॥५९॥ | Sitaveditakakavana Ram॥59॥ |
कृतचूडामणिदर्शन राम्॥६०॥ | Kritachudamanidarshana Ram॥60॥ |
कपिवरवचनाश्वासित राम्॥६१॥ | Kapiwaravachanashwasita Ram॥61॥ |
राम् राम् जय राजा राम्। | Ram Ram Jaya Raja Ram। |
राम् राम् जय सीता राम्॥ | Ram Ram Jaya Sita Ram॥ |
॥युद्धकाण्डः॥ | ॥Yuddhakandah॥ |
रावणनिधनप्रस्थित राम्॥६२॥ | Ravananidhanaprasthita Ram॥62॥ |
वानरसैन्यसमावृत राम्॥६३॥ | Vanarasainyasamavrita Ram॥63॥ |
शोषितसरिदीशार्थित राम्॥६४॥ | Shoshitasaridisharthita Ram॥64॥ |
विभीषणाभयदायक राम्॥६५॥ | Vibhishanabhayadayaka Ram॥65॥ |
पर्वतसेतुनिबन्धक राम्॥६६॥ | Parvatasetunibandhaka Ram॥66॥ |
कुम्भकर्णशिरच्छेदक राम्॥६७॥ | Kumbhakarnashirachchhedaka Ram॥67॥ |
राक्षससङ्घविमर्दक राम्॥६८॥ | Rakshasasanghavimardaka Ram॥68॥ |
अहिमहिरावणचारण राम्॥६९॥ | Ahimahiravanacharana Ram॥69॥ |
संहृतदशमुखरावण राम्॥७०॥ | Samhritadashamukharavana Ram॥70॥ |
विधिभवमुखसुरसंस्तुत राम्॥७१॥ | Vidhibhavamukhasurasamstuta Ram॥71॥ |
खस्थितदशरथवीक्षित राम्॥७२॥ | Khasthitadasharathavikshita Ram॥72॥ |
सीतादर्शनमोदित राम्॥७३॥ | Sitadarshanamodita Ram॥73॥ |
अभिषिक्तविभीषणनत राम्॥७४॥ | Abhishiktavibhishananata Ram॥74॥ |
पुष्पकयानारोहण राम्॥७५॥ | Pushpakayanarohana Ram॥75॥ |
भरद्वाजादिनिषेवण राम्॥७६॥ | Bharadwajadinishevana Ram॥76॥ |
भरतप्राणप्रियकर राम्॥७७॥ | Bharatapranapriyakara Ram॥77॥ |
साकेतपुरीभूषण राम्॥७८॥ | Saketapuribhushana Ram॥78॥ |
सकलस्वीयसमानत राम्॥७९॥ | Sakalaswiyasamanata Ram॥79॥ |
रत्नलसत्पीठास्थित राम्॥८०॥ | Ratnalasatpithasthita Ram॥80॥ |
पट्टाभिषेकालङ्कृत राम्॥८१॥ | Pattabhishekalankrita Ram॥81॥ |
पार्थिवकुलसम्मानित राम्॥८२॥ | Parthivakulasammanita Ram॥82॥ |
विभीषणार्पितरङ्गक राम्॥८३॥ | Vibhishanarpitarangaka Ram॥83॥ |
कीशकुलानुग्रहकर राम्॥८४॥ | Kishakulanugrahakara Ram॥84॥ |
सकलजीवसंरक्षक राम्॥८५॥ | Sakalajivasamrakshaka Ram॥85॥ |
समस्तलोकाधारक राम्॥८६॥ | Samastalokadharaka Ram॥86॥ |
राम् राम् जय राजा राम्। | Ram Ram Jaya Raja Ram। |
राम् राम् जय सीता राम्॥ | Ram Ram Jaya Sita Ram॥ |
॥उत्तरकाण्डः॥ | ॥Uttarakandah॥ |
आगतमुनिगणसंस्तुत राम्॥८७॥ | Agatamuniganasamstuta Ram॥87॥ |
विश्रुतदशकण्ठोद्भव राम्॥८८॥ | Vishrutadashakanthodbhava Ram॥88॥ |
सीतालिङ्गननिर्वृत राम्॥८९॥ | Sitalingananirvrita Ram॥89॥ |
नीतिसुरक्षितजनपद राम्॥९०॥ | Nitisurakshitajanapada Ram॥90॥ |
विपिनत्याजितजनकज राम्॥९१॥ | Vipinatyajitajanakaja Ram॥91॥ |
कारितलवणासुरवध राम्॥९२॥ | Karitalavanasuravadha Ram॥92॥ |
स्वर्गतशम्बुकसंस्तुत राम्॥९३॥ | Swargatashambukasamstuta Ram॥93॥ |
स्वतनयकुशलवनन्दित राम्॥९४॥ | Swatanayakushalavanandita Ram॥94॥ |
अश्वमेधक्रतुदीक्षित राम्॥९५॥ | Ashwamedhakratudikshita Ram॥95॥ |
कालावेदितसुरपद राम्॥९६॥ | Kalaveditasurapada Ram॥96॥ |
आयोध्यकजनमुक्तिद राम्॥९७॥ | Ayodhyakajanamuktida Ram॥97॥ |
विधिमुखविबुधानन्दक राम्॥९८॥ | Vidhimukhavibudhanandaka Ram॥98॥ |
तेजोमयनिजरूपक राम्॥९९॥ | Tejomayanijarupaka Ram॥99॥ |
संसृतिबन्धविमोचक राम्॥१००॥ | Samsritibandhavimochaka Ram॥100॥ |
धर्मस्थापनतत्पर राम्॥१०१॥ | Dharmasthapanatatpara Ram॥101॥ |
भक्तिपरायणमुक्तिद राम्॥१०२॥ | Bhaktiparayanamuktida Ram॥102॥ |
सर्वचराचरपालक राम्॥१०३॥ | Sarvacharacharapalaka Ram॥103॥ |
सर्वभवामयवारक राम्॥१०४॥ | Sarvabhavamayavaraka Ram॥104॥ |
वैकुण्ठालयसंस्थित राम्॥१०५॥ | Vaikunthalayasamsthita Ram॥105॥ |
नित्यानन्दपदस्थित राम्॥१०६॥ | Nityanandapadasthita Ram॥106॥ |
राम् राम् जय राजा राम्॥१०७॥ | Ram Ram Jaya Raja Ram॥107॥ |
राम् राम् जय सीता राम्॥१०८॥ | Ram Ram Jaya Sita Ram॥108॥ |
राम् राम् जय राजा राम्। | Ram Ram Jaya Raja Ram। |
राम् राम् जय सीता राम्॥ | Ram Ram Jaya Sita Ram॥ |
॥इति नामरामायणम् सम्पूर्णम्॥ ॥Iti Namaramayanam Sampurnam॥